5 Essential Elements For Shodashi

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Shodashi’s mantra encourages self-self-discipline and mindfulness. By chanting this mantra, devotees cultivate higher Manage over their views and steps, bringing about a more conscious and purposeful approach to lifestyle. This gain supports individual progress and self-self-discipline.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥

चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

The devotion to Goddess Shodashi is really a harmonious combination of the pursuit of beauty and the quest for enlightenment.

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य

Goddess Shodashi has a 3rd eye about the forehead. She is clad in pink costume and richly bejeweled. She sits with a lotus seat laid with a golden throne. She is revealed with four arms through which she retains five arrows of flowers, a noose, a goad and sugarcane as being a bow.

The Devi Mahatmyam, a sacred text, specifics her valiant fights in the series of mythological narratives. These battles are allegorical, representing the spiritual ascent from ignorance to enlightenment, With all the Goddess serving as being the embodiment of supreme understanding and electricity.

हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं

॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥

In essence, Goddess Shodashi signifies the divine possible inside of each particular person, guiding them over a path of inner attractiveness, read more knowledge, and spiritual fulfillment. Her existence from the lives of devotees evokes them to seek harmony, apply compassion, and strategy life with gratitude and humility.

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